इस कोरोना काल में जब लोगों की नौकरियां चली गई हैं. जिनकी नहीं गईं उनमें से बहुत से लोगों की जा रही हैं। अर्थव्यवस्था अपने निचले स्तर पर है बहुत से लोग स्ट्रेस भरी ज़िंदगी जीने को मजबूर हो गए हैं। ऐसे में हम चाहते है कि नौकरी गंवा चुके लोग अपना खुद का व्यापार शुरू करें। सरकार भी आपको आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अग्रसर है।
ज्यादातर लोगों के सामने समस्या ये होती है कि वे पता नहीं लगा पाते कि आखिर कौन सा व्यापार शुरू किया जाए और कौन सा बिज़नेस उनको कम लागत पर अच्छा मुनाफा देगा। तो हम आपकी इसी समस्या को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। आज हम आपको मोती की खेती (Pearl farming) के बिज़नेस के बारे में बताने जा रहे हैं। इस बिज़नेस पर बहुत से लोगों का फोकस बढ़ रहा है, कई लोगों को तो इस बिज़नेस ने लखपति बना भी दिया है। और सबसे ख़ास बात, मोती की खेती का बिज़नेस आप बिलकुल कम लागत के साथ शुरू कर सकते हैं। इसके साथ ही सरकार भी आपकी मदद करती है। आइए जानते हैं इस कारोबार को आप शुरू कैसे कर सकते हैं...
मोती की खेती के लिए आवश्यक चीज़ें:
मोती की खेती के लिए सबसे ज्यादा ज़रूरी होता है एक तालाब, तो अगर आप किसी ग्रामीण इलाके से ताल्लुक रखते हैं तो यह आपके लिए बेहद आसान हो सकता है। दूसरी चीज़ है सीप (जिसमें मोती तैयार होता है) और आखिरी ज़रूरी चीज़ होती है ट्रेनिंग।
1. तालाब आप खुद से खुदवा सकते हैं या फिर सरकारी सब्सिडी की मदद से खुदवा सकते हैं या फिर गांव के सार्वजानिक तालाब का उपयोग भी कर सकते हैं।
2. सीप आपको कहीं भी मिल जायेंगे, देश के कई राज्यों में इनकी उपलब्धता है। हालांकि बिहार के दरभंगा और दक्षिण भारत के कुछ राज्यों के सीप की क्वालिटी सबसे बेहतर होती है।
3. इसकी ट्रेनिंग के लिए देशभर में कई संस्थान मौजूद हैं। आप मुंबई या फिर मध्य प्रदेश के होशंगाबाद से मोती की खेती की ट्रेनिंग ले सकते हैं।
मोती की खेती का संक्षिप्त विवरण:
सबसे पहले सीपियों को एक जाल में बांधकर 10 से 15 दिनों के लिए तालाब में डाल दिया जाता है ताकि वो अपने मुताबिक अपना एनवायरमेंट क्रिएट कर सकें। 10 से 15 दिन के बाद उनको बाहर निकाला जाता है और उनकी सर्जरी की जाती है। यहां सर्जरी का मतलब सीप के अंदर एक सांचा या पार्टिकल डाला जाता है। कोटिंग के बाद इसी सांचे पर लेयर बनाते हैं, जो आगे चलकर मोती बनता है।
मात्र 25 हजार रुपये की लागत के साथ शुरुआत कर सकते हैं:
एक सीप जब तैयार होता है तो उससे दो मोती निकलते हैं. बाजार में एक मोती की कीमत कम से कम 120 रुपए है तो 2 मोती 240 रुपए में बिकते हैं। क्वालिटी बेहतरीन हुई तो एक मोती की 200 रुपए से ज्यादा कीमत भी मिल सकती है। अब आप सोच रहे हैं होंगे कि एक सीप तैयार होने में खर्च कितना आता है? तो हम आपको बता दें, एक सीप तैयार होने में 25 से 35 रुपए का खर्च आता है। मान के चलिए आप एक एकड़ के तालाब में 25 हजार सीपियां डालते हैं तो इनको पूरी तरह तैयार होने में तकरीबन 8 लाख रुपए का खर्च आता है। मोती तैयार होने की प्रक्रिया के दौरान अगर कुछ सीप बर्बाद भी हो गए हालांकि 50% से अधिक सीप सुरक्षित ही निकलते हैं तो भी आपको आसानी से 30 लाख रुपये सालाना की कमाई हो सकती है। हालांकि इस बिज़नेस की शुरुआत आप कम से कम 25000 रूपए की लागत के साथ भी शुरू कर सकते हैं।