भारतीय क्रिकेट टीम के 1983 में कप्तान रह चुके है जिनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने विश्वकप जीता।

भारतीय क्रिकेट टीम के 1983 में कप्तान रह चुके है जिनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने विश्वकप जीता।
भारतीय क्रिकेट टीम के 1983 में कप्तान रह चुके है जिनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने विश्वकप जीता।
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कपिल देव रामलाल निखंड(Kapil Dev Ramlal Nikhanj) भारतीय क्रिकेट(Indian Cricket) जगत के जाने-माने व्यक्ति है। भारत के पूर्व क्रिकेटर कपिल देव(Kapil Dev) भारतीय क्रिकेट टीम(Indian Cricket Team) के 1983 में कप्तान रह चुके है जिनकी कप्तानी में टीम ने विश्वकप जीता।

वह 10 महीने के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के प्रशिक्षक भी रह चुके है। 2002 में उन्हें विजडन ने भारतीय क्रिकेटर ऑफ़ द सेंचुरी(Indian Cricketer of the Century) के ख़िताब से नवाज़ा तो 2010 में उन्हें ICC क्रिकेट हॉल ऑफ़ फेम(ICC Cricket Hall of Fame) में शामिल किया गया था।

जीवन परिचय

6 जनवरी, 1959 को चंडीगढ़(Chandigarh) में कपिल देव(Kapil Dev) का जन्म हुआ। उनके पिता रामलाल निखंज(Ramlal Nikhanj) पाकिस्तान(Pakistan) के दीपालपुर (Deepalpur) से थे और उनकी माँ राज कुमारी(Raj Kumari) का जन्म पाकपट्टन (Pakpattan) पाकिस्तान(Pakistan) में हुआ था। उनकी चार बहनों का जन्म भी पाकिस्तान (Pakistan) में हुआ था। भारत-पाकिस्तान(India-Pakistan) के बटवारे के बाद वह अपने परिवार के साथ भारत आ गए और पंजाब(Punjab) के फाजिल्का में रहनें लगे।

भारत में आने के बाद कपिल देव(Kapil Dev) और उनके दो भाइयों का जन्म हुआ। उनके पिता एक प्रसिद्ध लकड़ी के व्यापारी थे। बाद में वह और उनका परिवार चंडीगढ़ (Chandigarh) चला गया और कपिल देव(Kapil Dev) ने चंडीगढ़(Chandigarh) के डीएवी स्कूल(D.A.V. School) से अपनी पढाई शुरू की।

कपिल देव(Kapil Dev) को हमेशा से क्रिकेट में बड़ी दिलचस्पी थी इसलिए उन्होंने क्रिकेट की क्लासेज देश प्रेम आजाद से लेनी शुरू कर दी। कपिल देव के क्रिकेट की शुरुआत 1975 में घरेलू मैच से हुई जिसमें वह हरियाणा की तरफ से पंजाब(Punjab) के खिलाफ खेले। वह ऑल रॉउंडर(all rounder) खिलाड़ी है जो दायें हाथ से बल्लेबाजी और तेज गेंदबाजी भी कर सकता है।

भारतीय क्रिकेट टीम के 1983 में कप्तान रह चुके है जिनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने विश्वकप जीता।
कपिल देव रामलाल निखंड भारतीय क्रिकेट जगत के जाने-माने व्यक्ति

1982-83 में श्रीलंका(Sri Lanka) के विरुद्ध खेले गए मैच में उन्होंने पहली बार कप्तानी की और 1983 के विश्वकप में कप्तानी कर भारत को जित भी दिलाई। 1994 में कपिल देव सर रिचर्ड हेडली (Richard Hadlee) के रिकॉर्ड को तोड़ते दुनिया के सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ बने। उनके रिकॉर्ड को 1999 में वेस्टइंडीज़(west indies) के कर्टनी वॉल्श (courtney walsh) ने तोडा था।

वह ऑलराउंडर के 4000 टेस्ट रन और 400 विकेट को हासिल करने वाले एकलौते खिलाड़ी। 100, 200 और 300 टेस्ट विकेट लेने वाले पहले युवा क्रिकेटर थे और एक टेस्ट पारी में 9 विकेट लेने वाले एकमात्र कप्तान थे।

कपिल देव और विवाद

1994 के श्रीलंका दौरे के दौरान मनोज प्रभाकर पर अंडरपरफॉर्मन(Underperform) करने के लिए 1999 में बी.सी.सी.आई(B.C.C.I) के पूर्व अध्यक्ष आई.एस.बिंद्रा(I. S. Bindra) ने मैच फिक्सिंग(match fixing) का आरोप लगाया जिसके बाद कपिल देव को भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के कोच के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

हलांकि बाद में आरोप को गलत करार कर दिया गया। फिर उनपर और उनकी पत्नी रोमी देव(Romi Devi) पर 2016 में कम दाम पर बिजनेस में कॉरपोरेट पार्क्स प्राइवेट लिमिटेड(Corporate Parks Private Limited) के शेयर्स खरीदने का आरोप लगाया गया।

कपिल देव को मिले पुरस्कार

सन 1979 को कपिल देव को अर्जुन पुरस्कार(Arjuna Award) से सम्मानित किया गया तो 1982 में उन्हें पद्म श्री मिला। 1991 में उन्हें पद्म भूषण से नवाज़ा गया और 2010 में उन्हें आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फ़ेम(ICC Cricket Hall of Fame) से सम्मानित किया गया।

कपिल देव पर बानी फिल्म "83" भी लोगों के बीच बेहद मशहूर हुई। निर्देशक कबीर खान (Kabir Singh) की मेहनत, अभिनेता रणवीर सिंह(Ranveer Singh) और अभिनेत्री दीपिका पादुकोण(Deepika Padukone) की कला ने इस फिल्म और इसकी कहानी में चार-चाँद लगा दिए।

कपिल देव के डी.ए.वी(DAV) के शिक्षक ने एक बार कहा था, " वह स्कूल के घंटों के दौरान भी कमेंट्री को अंतहीन रूप से सुनते थे। कपिल ट्रिपल जम्पर(kapil triple jumper) थे और स्कूल में जूनियर स्तर पर मेडल भी जीते थे।" कपिल की पहली मुलाकात को याद करते हुए देश प्रेमी आज़ाद ने कहा था, "जब कपिल मेरे पास क्रिकेट की कोचिंग लेने आये थे तो मैंने कपिल के लुक्स को देख कर पहली बार में ही उन्हें रिजेक्ट कर दिया था।"

कपिल देव ने बॉलीवुड की बहुत की फिल्मों में भी काम किया है जिसमें, "दिल्लगी...... यह दिल्लगी", "इकबाल", "चेन खुली की मेन खुली" और "मुझसे शादी करोगी” जैसी फिल्में शामिल है।

देव ने 3 आत्मकथा लिखी "बॉय गोट्स डिग्री(boy gets degree)" जो 1985 में आई उसके बाद "क्रिकेट माय स्टाइल(Cricket my style)" जो 1987 में आई फिर उन्होंने "स्ट्रैट फ्रॉम द हार्ट(The Straight from the Heart)" लिखी जो 2004 में प्रकाशित हुई।

भारतीय क्रिकेट टीम के 1983 में कप्तान रह चुके है जिनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने विश्वकप जीता।
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